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कल के मरते आज मरे हम , जीने कि दरकार किसे है ।

कल के मरते आज मरे हम ,  जीने कि दरकार किसे है । कल के मरते आज मरे हम , जीने कि दरकार किसे है । सारी दुनिया चाह भी ले हम हमसे यंहा पर प्यार किसे है ।। शाम निकल आते जब तारे , घर को जाते हैं पंछी सारे ,, चहचहा कर मुझको चिढ़ाते , घर पर तेरी याद किसे है मंजिल की अब दौड़ नहीं है , अपनी किसी से होड़ नहीं है ,, क्षितिज पर आकर जब से देखा दिखता अब संसार किसे है । झूठी दुनिया के लोग हैं झूठे , पीछे कड़वे सामने मीठे ,, मतलब कि सीखु दुनियादारी ? मतलब के रखने यार किसे हैं । आस्तीन में सांप निकले , है ईश्वर अब रात न निकले ,, सपने भी डसते अब मुझको , सेजो की दरकार किसे हैं । तुम हो हमारे हम हैं तुम्हारे , कहते थे जो लोग ये सारे ,, उजले चहरे मन हे काले , कहते मेरे दिल के छाले ,, मीठी बाते रास न आती , सच्चों पर एतबार किसे है । कल के मरते आज मरे हम , जीने कि दरकार किसे है । by - Rk think's ----////----- ।। राधे राधे ।। - RK think's  poetryrkthinks Creater-: R K think's  facebook -:     instagram- .      Youtube .     Pinterest

शादी की वर्षगाँठ कि कविता

शादी की वर्षगाँठ कि कविता  Marriage anniversary poem अभी, बस अभी , कुछ ही तो दिन गुजरे हैं , जब आंगन में मेरे, तुम दुल्हन बन आई थी। अभी , बस अभी , कुछ ही तो दिन गुजरे हैं जब तुमने मेरे लिए सुर्ख मेहंदी रचाई थी। अभी , बस अभी , कुछ ही तो दिन गुजरे हैं जब कर कुछ पंजों को ऊंचा तुमनें मुझे वरमाला पहनाई थी । अभी , बस अभी , कुछ ही तो दिन गुजरे हैं जब बांके बिहारी जी ने हमे बांकी छवि दिखलाई थी । आज तारीख ने फिर वह मंजर सुनहरा कर दिया । तीसरा साल हमारे गठजोड़ के बंधन का पूरा कर दिया । होली के रंग, दीपावली कि रोशनी ,चांद करवा चौथ का , तीज त्यौहार समेटे हुए सुख-दुख के पलो मे , ठाकुर जी की कृपा से साथ रहकर हम , हर दिन से गुजरे हैं।। अभी , बस अभी , विवाह को हमारे, कुछ ही तो दिन गुजरे हैं ।। ।। राधे राधे ।। - RK think's  poetryrkthinks Creater-: R K think's  facebook -:     instagram- .      Youtube .     Pinterest

मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा

।। राधे राधे ।। अगर जो चाहिए प्रीत मेरी , तो नजरें झुका कर सलाम उठा कर आना होगा । की फिर तसव्वुर अपने दिल का देख लेना , तसल्ली के लिए कहीं और न जाना होगा ।। मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा ,, मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा ,, दरबदर कितना ही घूम ले लाख 84 तु , ऐक दिन दर पर मेरे तुझे होना होगा ,, मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा ,, मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा ,, कब तक सत रज तम के मकड़जाल में पड़ा रहेगा तू, तोड़कर बंदिशें प्रकृति के गुणों से ऊपर उठना होगा । मैं तो सात कदम तेरी तरफ उठा सकता हूं लेकिन, कदम पहला तो तुझे ही मेरी तरफ उठाना होगा ।। मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा ,, मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा ,, आज विषयों की लालसा मे मारा मारा फीरता है तु , कल नवधा भक्ति में से किसी ऐक मे तो खो ना होगा ,, मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा ,, मैं कृष्ण हूं , कृष्ण तुझे होना होगा ,, चादरों के रिश्ते नातें कभी वफा ना देगें तुझे , चीता कि सेज पर तो अकेले ही सोना होगा । निराश्रित होगा जब तु रिश्तो से द्रोपदी की तरह , छोड़ कर

इश्क के गीत

इश्क के गीत गाते हो जिसे तुम गुनगुनाते हो , उसे में शब्द देता हूं ,, कि जब शायर के दिल में मैं, दर्द ए इश्क देता हूं ,, तभी तुम गुनगुनाते हो ,, मेरे गीतों को गाते हो । फिर अपने भावों में भरकर , खुद ही को भुल जाते हो।। मेरे गीतों को गाते हो । मेरे गीतों को गाते हो । जिसे तुम मैं समझते हो , मैं हर उस मैं से हूं उम्दा ,, मैं हर एक रुप में शामिल , हर एक रुह मुझसे है जींदा ,, तभी तुम मुस्कुराते हो ,, मेरे गीतों को गाते हो । कि मेरी चेतना से तुम यह दुनिया देख पाते हो ।। मेरे गीतों को गाते हो । मेरे गीतों को गाते हो । मुझे इंसान ओ इंसान , तु अपनी आत्मा से जान ,, छिपा हूं दिल में तेरे में , ईश्क का रूप ले भगवान ,, इश्क ही राज है मेरा इश्क के गीत गाते हो । तुम मुझमे ईश्क को ईश्क , मे मुझको ही तो पाते हो । मेरे गीतों को गाते हो । इश्क के गीत गाते हो ।  ।। राधे राधे ।। - Rk think's poetryrkthinks Creater-: R K think's  facebook -:     instagram- .      Youtube .     Pinterest

ठाकुर जी मैं कहूं न तुमसे

ठाकुर जी मैं कहूं न तुमसे  प्रीत करे सो , हार न माने , पगली पगली मे , सुन रही ताने ,, मैं एक बिरहन , जोगन , प्रीत की मारी , हे गिरधारी , हे गिरधारी ,, सुध बुध मेरी कांहै बिसारी। ,, महल गवाया लाज गवाई , बावरी मीरा कहाती जी । मेरे तो प्रभु गिरिधर नागर , नगर ढिंढोरा गाती जी । ठाकुर जी मैं कहूं न तुमसे ,अब कोई ठकुर सुहाती जी । कान खोल कर सुन लो मेरी , सांची कड़वी बातीं जी । ठाकुर जी मैं कहूं न तुमसे ,अब कोई ठकुर सुहाती जी । ठाकुर जी मैं कहूं न तुमसे, मंदिर मीरा खड़ी अकेली , बंसी धर को बुलाती जी । नैनन कोर छिपाई के आंसू , हरी नाम तंबूरा बजाती जी । ऐसो वरयो मे नटवर नागर ,प्रीति की रीति न जाति जी । दरस को देने तुम ना आए , बिन स्वाति मर जाती जी । ठाकुर जी मैं कहूं न तुमसे ,अब कोई ठकुर सुहाती जी । ठाकुर जी मैं कहूं न तुमसे , ठाकुर जी ,,,, ओ ठाकुर जी ,,, मीरा तो प्रेम की प्यासी थी , कब जन्म मरण की वो दासी थी ,, तुम लोक लुभावन पावन को , अपनी कछु लाज बचावन को ,, विष का अमृत तुम कर डाला , विषधर की वैजयंती माला ,, है चमत्कार की भाषा , बहुत तुमको भाती जी, पर मीरा को

प्रेम की भाषा

  प्रेम की भाषा  कभी-कभी आते हैं दिन ऐसे ,जब खामोशियां बोलती है ,, कभी मैं न बोलता हूं ,, कभी तू न बोलती है । तब आंखें अपने इशारों से , वो हर राज खोलती है ,, जो मैं न बोलता हूं ,, जो तू न बोलती है ।। परिभाषाएं परिपाटी की हो तो जुबां बोलती है ,, जो बात हो प्रेम की तो राज आंखें खोलती है ,, मुझे प्रेम है ,न मैं बोलता हूं ,, तुझे प्रेम है , न तू बोलती है ,, बात ही जब आंखों से होती हो, तब खामोशियां बोलती है, तुझे मुझ से प्रेम है , मुझे तुझसे प्रेम है ,, हर राज खोलती है ,वह हर राज खोलती है ।। कभी-कभी आते हैं दिन ऐसे ,जब खामोशियां बोलती है ,, ।। राधे राधे ।। राधे राधे ,,,,,,,,, #poetryrkthinks Creater-: R K think's  facebook -:     instagram- .      Youtube .     Pinterest

two line poetry

कमजर्फ इतना दुख न दे , बर्दाश्त की औकात नहीं , ईश्क का इम्तिहान न ले , इंतजार की औकात नहीं । ✔️ ---------////------- दिल से मांगी हर दुआ पूरी होती है यहां , दिल से मांगी हर दुआ पूरी होती है यहां , मैंने भी अपना दिलदार मांग लिया । ना तो कोई गुनाह किया है मैंने , ना ही कुछ कम मांग लिया ।। आंखों में बांके बिहारी की छवि, दिल में गोपियों सा प्यार मांग लिया ।। मैंने भी अपना दिलदार मांग लिया ,, ✔️ ------------//////----------- --------- छोड़ो ना यार , क्या मतलब है जिंदगी में दो चार पल मुस्कुरा लो , यही तो मतलब के हैं जिंदगी में ✔️ ----------//////---------- मैयतो सी जिंदगी में , दरबदर बहार हो गई आंखें मुड़ मुड़कर देखती थी जिन्हें , वह खुशियां आज़ार हो गई । कहां तक रोए यहां, लाशों के कंधों पर रखकर सर , हर जिंदगी तो जिंदगी से बेज़ार हो गई ।। ✔️ --------//////---------- राहें इश्क में मांग कर कुछ भी, अब हार मानना छोड़ दिया । तू बस कृष्ण यार है मेरा , तुझे भगवान मानना छोड़ दिया ।। ✔️ राधे राधे ,,,,,,,,, #poetryrkthinks Creater-: R K think's  facebook -: